हैं हम चाहते आप् को ये हम जाने और आप भी। हैं हम चाहते आप् को ये हम जाने और आप भी।
वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए वरना दुर्गा का रूप हूं मुझे आज़ादी चाहिए
ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक रहूं कैद ख्वाबों के जहां में खुली पतंग सी हूँ मुझे आज़ादी चाहिए सालाखों मे कब तक ...
जब भी प्यास लगती मुझको पाता मैं पानी किसी के छत पर जब भी प्यास लगती मुझको पाता मैं पानी किसी के छत पर
मुझको नहीं सारी दौलत चाहिए, बस थोड़ा सा मेरा अधिकार चाहिए। मुझको नहीं सारी दौलत चाहिए, बस थोड़ा सा मेरा अधिकार चाहिए।
मृदु भावना की अनगिनत लहरें मन के सागर में उफनती भीगे सुर से भाव संवेदन मे स्वर लहरी के बन्द दरवाज़... मृदु भावना की अनगिनत लहरें मन के सागर में उफनती भीगे सुर से भाव संवेदन मे स्व...